March 25, 2025
2024 में वैश्विक ऊर्जा मांग 2.2% बढ़ी, जिसमें प्रमुख योगदान उभरती अर्थव्यवस्थाओं का था, जिन्होंने वृद्धि का 80% से अधिक हिस्सा बनाया।
बिजली की मांग ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि का नेतृत्व कर रही है, जो 4.3% बढ़ी, जो पिछले दशक के वार्षिक औसत का लगभग दोगुना है।
2024 में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 700 GW बढ़ी, जो लगातार 22वें वर्ष एक नया रिकॉर्ड है।
नवीकरणीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा ने मिलकर कम उत्सर्जन स्रोतों से वैश्विक बिजली में 80% वृद्धि में योगदान दिया।
सौर ऊर्जा ने 480 TWh, पवन ऊर्जा ने 180 TWh, और जलविद्युत ने 190 TWh जोड़े, जिसमें अनुकूल मौसम का प्रमुख योगदान रहा।
चीन:
वैश्विक नवीकरणीय क्षमता वृद्धि का दो-तिहाई हिस्सा अकेले चीन ने जोड़ा।
340 GW सौर ऊर्जा और 80 GW पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ी।
भारत:
कोयले पर भारी निर्भरता जारी रही, जहां तीन-चौथाई बिजली कोयले से उत्पन्न होती है।
2024 में वैश्विक कोयला मांग 1% बढ़ी, लेकिन वैश्विक बिजली मिश्रण में इसकी हिस्सेदारी घटकर 35% रह गई, जो 1974 में आईईए की स्थापना के बाद सबसे कम है।
कोयले का उपयोग मुख्य रूप से चीन, भारत, कुछ दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों और दक्षिण अफ्रीका में केंद्रित है।
प्राकृतिक गैस की मांग 2.7% बढ़कर 115 अरब घन मीटर तक पहुंच गई।
एशिया, विशेष रूप से चीन, ने लू और एलएनजी ट्रकों के बढ़ते उपयोग के कारण इस वृद्धि का नेतृत्व किया।
2024 के अंत में उच्च स्पॉट कीमतों के कारण एलएनजी की मांग में गिरावट आई।
नवीकरणीय ऊर्जा का नेतृत्व: नवीकरणीय ऊर्जा वैश्विक स्तर पर नई बिजली क्षमता का नेतृत्व कर रही है।
उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर ध्यान केंद्रित: एशिया सहित उभरती अर्थव्यवस्थाएं ऊर्जा वृद्धि के रुझानों को निर्धारित कर रही हैं।
एशिया में मांग बनाए रखने के लिए मूल्य प्रतिस्पर्धा महत्वपूर्ण है, जिससे मात्रा वृद्धि और उच्च कीमतों के बीच संतुलन जरूरी हो गया है।
हालांकि जीवाश्म ईंधन की मांग बढ़ रही है, लेकिन नवीकरणीय ऊर्जा अधिक तेजी से बढ़ रही है, खासकर दुनिया के तेजी से विकसित हो रहे क्षेत्रों में।
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