

डेली करेंट अफेयर्स 2020
विषय: प्रीलिम्स और मेन्स के लिए
सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशिल्ड बनाम भारत बायोटेक की कोवाक्सिन वैक्सीन
G.S. Paper-III
संदर्भ:
एक हालिया महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भारतीय औषधि महानियंत्रक (Drug Controller General of India– DCGI) द्वारा भारत में कोविड-19 के खिलाफ प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग हेतु सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित टीकों को औपचारिक रूप से मंजूरी प्रदान कर दी गयी है।
पृष्ठभूमि:
- कोविशिल्ड (Covishield) और कोवाक्सिन (Covaxin), दोनों ही टीकों द्वारा तीसरे चरण का महत्वपूर्ण परीक्षण पूरा नहीं किया गया है। तीसरे चरण के परीक्षण के दौरान देश भर में विभिन्न स्थानों पर स्वयंसेवकों पर टीका-परीक्षण किया जाता है।
- एक विषय विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के आधार पर दोनों वैक्सीन के लिए अनुमोदन दिया गया है। इस समिति द्वारा वैक्सीन को अनुमति देने के संबंध में दो दिनों तक विचार-विमर्श किया गया था।
कोविशिल्ड के बारे में:
- कोविशिल्ड (Covishield) वैक्सीन, एस्ट्राज़ेनेका (Astrazeneca) के सहयोग से ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गयी है।
- पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, कोविशिल्ड के लिए विनिर्माण और परीक्षण भागीदार है।
- इस वैक्सीन में, आम सर्दी-जुकाम के लिए जिम्मेवार वायरस के कमजोर संस्करण पर आधारित ‘नॉन-रेप्लिकेटिंग चिंपांजी वायरल वेक्टर’ (Non-Replicating chimpanzee viral vector) का उपयोग किया गया है।
- यह वायरस चिंपैंजी में संक्रमण का कारण बनता है और इसमें SARS-CoV-2 वायरस स्पाइक प्रोटीन से संबंधित आनुवंशिकीय पदार्थ होते हैं।
कोवाक्सिन के बारे में:
- कोवाक्सिन (Covaxin) वैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई है और यह कोविड-19 की रोकथाम हेतु भारत में निर्मित पहला स्वदेशी टीका है।
- भारत बायोटेक द्वारा इस वैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद और ‘राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान’ (National Institute of Virology- NIV) के सहयोग से विकसित किया गया है।
- यह एक निष्क्रिय (Inactivated) वैक्सीन है, जिसे बीमारी के कारक जीवित सूक्ष्मजीवों को निष्क्रिय करने (मारने) से विकसित किया जाता है।
- यह टीका रोगज़नक़ की प्रतिकृति निर्माणक क्षमता को नष्ट कर देता है, लेकिन इसे विषाणु को नष्ट नहीं करता है जिससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इसे पहचान कर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करती है।
सुरक्षा संबंधी सवाल?
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा टीकों को अनुमति दिए जाने का स्वागत किया है, किंतु कई लोगों ने वैक्सीन और संबंधित सुरक्षा के बारे में चिंताएं व्यक्त की हैं। सर्वेक्षण में पाया गया है कि काफी भारतीयों को टीकाकरण कराने की जल्दी नहीं हैं। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि टीका परीक्षणों के बारे में ज्यादा जानकारी प्रकाशित की जानी चाहिए।
भारत में ‘आपातकालीन उपयोग अधिकार’ (EUA) हासिल करने की प्रक्रिया-
- विशेषज्ञों और कार्यकर्ताओं का कहना है कि भारत के औषधि विनियामकों में ‘आपातकालीन उपयोग अधिकार’ (EUA) संबधी कोई प्रावधान नहीं है, और इसे हासिल करने की कोई स्पष्ट तथा सुसंगत प्रकिया नहीं है।
- इसके बावजूद, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) द्वारा इस महामारी के दौरान कोविड-19 के ईलाज हेतु रेमेडिसिविर (Remdesivir) और फेविपिरवीर (favipiravir) के लिए आपातकालीन या प्रतिबंधित आपातकालीन अनुमति दी गयी है।
केवल ‘आपातकालीन उपयोग अधिकार’ प्राप्त उत्पादों के उपयोग संबंधी जोखिम-
- अमेरिकी एफडीए (FDA) के अनुसार, ऐसे उत्पादों के इस्तेमाल से पहले, जनता को यह सूचित किया जाना चाहिए कि, उत्पाद को मात्र ‘आपातकालीन उपयोग अधिकार’ (EUA) दिया गया है तथा इसे पूर्ण अनुमोदन प्राप्त नहीं है।
- कोविड-19 वैक्सीन के मामले में, उदाहरण के लिए, लोगों को वैक्सीन के ज्ञात और संभावित लाभों और जोखिमों, तथा किस हद तक इसके लाभ या जोखिम अज्ञात है, के बारे में सूचित किया जाना चाहिए। इसके साथ ही जनता को ‘वैक्सीन के लिए मना करने संबंधी अधिकार’ के बारे में भी बताया जाना चाहिए।
प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
मन्नथु पद्मनाभन
चर्चा का कारण: श्री मन्नथु पद्मनाभन जयंती।
- मन्नथु पद्मनाभन, केरल में जन्मे एक प्रसिद्ध भारतीय समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे।
- वह 2 जनवरी, 1878 से – 25 फरवरी, 1970 तक जीवित रहे।
- उन्होंने अस्पृश्यता विरोधी आंदोलनों में भाग लिया और मंदिरों में सभी जातियों के प्रवेश की वकालत की।
- इन्होंने वायोकॉम सत्याग्रह में भी भाग लिया।
- इन्हें नायर सर्विस सोसायटी (NSS) की स्थापना के लिए भी जाना जाता है।