

डेली करेंट अफेयर्स 2020
विषय: प्रीलिम्स और मेन्स के लिए
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
10th August, 2020
G.S. Paper-II (National)
संदर्भ–
हाल ही में, कृषि मंत्रालय द्वारा 2020-21 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के नवाचार और कृषि उद्यमिता घटक के अंतर्गत स्टार्ट-अप्स का वित्तपोषण करने का निर्णय लिया गया है
पृष्ठभूमि–
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत एक घटक के रूप में, नवाचार और कृषि उद्यमिता विकास कार्यक्रम शुरू किया गया है जिसको वित्तीय सहायता प्रदान करके और ऊष्मायन पारिस्थितिकी तंत्र को पोषित करके, नवाचार और कृषि उद्यमीता को बढ़ावा दिया जा सके।
- ये स्टार्ट-अप्स विभिन्न श्रेणियों जैसे कृषि प्रसंस्करण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल कृषि, कृषि यंत्रीकरण, वेस्ट टू वेल्थ, डेयरी, मत्स्य पालन आदि में हैं।
इस योजना के निम्नलिखित घटक हैं–
- एग्रीप्रेन्योरशिप ओरिएंटेशन- 2 माह की अवधि के लिए 10,000 रुपये प्रति माह वजीफे के साथ वित्तीय, तकनीकी, आईपी मुद्दों आदि पर मेंटरशिप प्रदान की जाती है।
- आर-एबीआई इनक्यूबेट्स की सीड स्टेज फंडिंग – 25 लाख रुपये तक की फंडिंग (85% अनुदान और इनक्यूबेट से 15% योगदान)।
- एग्रीप्रेन्योर्स की आइडिया/ प्री-सीड स्टेज फंडिंग – 5 लाख रुपए तक की फंडिंग (90% अनुदान और इनक्यूबेट से 10% योगदान)।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के बारे में–
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक छाता योजना के रूप में वर्ष 2007 में शुरू किया गया था।
- यह योजना राज्यों को कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
- भारत सरकार ने केंद्रीय प्रायोजित स्कीम (राज्य योजना)- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) कोराष्ट्रीय कृषि विकास योजना– कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र पुनरूद्धार हेतु लाभकारी दृष्टिकोण (RKVY-RAFTAAR) के रूप में जारी रखने के लिए मंजूरी दी है।
- इसका लक्ष्य किसानों के प्रयासों के सुदृढ़ीकरण के माध्यम से कृषि को लाभकारी क्रियाकलाप बनाना, जोखिम प्रशमन और कृषि व्यवसाय उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
- RKVY-RAFTAARके तहत, कृषि उद्यमिता और नवाचार को बढ़ावा देने के अलावा कटाई पूर्व और कटाई पश्चात अवसंरचना पर मुख्य ध्यान दिया जाता है।
उद्देश्य–
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य खेती को आर्थिक गतिविधि के मुख्य स्रोत के रूप में विकसित करना है। इसके प्रमुख उद्देश्यों निम्नलिखित हैं:
- कृषि- अवसंरचना का निर्माण करके कृषि-व्यवसाय उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों के प्रयासों को मजबूत प्रदान करना।
- सभी राज्यों को उनकी स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार योजना बनाने में स्वायत्तता और लचीलापन प्रदान करना।
- उत्पादकता को प्रोत्साहित करके और मूल्य श्रृंखला से संबद्ध उत्पादन मॉडल को बढ़ावा देकर आय बढ़ाने में किसानों की मदद करना।
- मशरूम की खेती, एकीकृत खेती, फूलों की खेती, आदि के माध्यम से आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करके किसानों के लिए जोखिम को कम करना।
- विभिन्न कौशल विकास, नवाचार और कृषि-व्यवसाय मॉडल के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाना।
वित्तीय अनुदान–
RKVY-RAFTAAR, के अंतर्गत केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा क्रमशः 60: 40 के अनुपात में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। पूर्वोत्तर तथा अन्य पर्वतीय राज्यों में सहायता का अनुपात 90.10 रहेगा। केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा 100% अनुदान दिया जायेगा
राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र
G.S. Paper-III (Environment & Ecology)
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 08 अगस्त 2020 को राजघाट के नजदीक स्थित ‘राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र’ का उद्घाटन किया. महात्मा गांधी को समर्पित किए गए इस केंद्र में लोगों को स्वच्छ भारत मिशन की सफलता और स्वच्छता के फायदों के बारे में बताया जाएगा.
- महात्मा गांधी को समर्पित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) की प्रधानमंत्री ने सबसे पहले घोषणा 10 अप्रैल 2017 को महात्मा गांधी के चम्पारण ‘सत्याग्रह’ के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर की थी. यह स्वच्छ भारत मिशन पर एक परस्पर संवादात्मक (इंटरैक्टिव) अनुभव केंद्र होगा.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी जी का अभियान था- अंग्रेजों भारत छोड़ो. अब हम लोग अभियान चला रहे हैं- गंदगी भारत छोड़ो. इसी सोच के साथ पिछले छह वर्षों से देश में एक व्यापक ‘भारत छोड़ो अभियान’ चल रहा है.
- महात्मा गांधी ने आज के ही दिन आजादी की लड़ाई का आंदोलन शुरू करते हुए अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया था. इसी तर्ज पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी ‘गंदगी भारत छोड़ो’ का नया नारा दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गंदगीमुक्त भारत अभियान की शुरुआत की.
अभियान कब तक चलेगा–
- यह अभियान 08 अगस्त से शुरू हुआ तथा यह अभियान 15 अगस्त तक चलेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत छोड़ो के ये सभी संकल्प स्वराज से सुराज की भावना के अनुरूप हैं.
कचरा प्रबंधन पर ज्यादा जोर–
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें कचरे से खाद बनाने, सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति पाने की दिशा में बढ़ना होगा. प्रधानमंत्री ने सभी कलेक्टरों से कहा कि वे 15 अगस्त तक अपने-अपने जिलों में यह अभियान सघनता से चलाएं. हर जिले के कलेक्टर गांवों में सामुदायिक शौचालय बनाएं और मरम्मत कराएं. इस दौरान ‘दो गज की दूरी-मास्क जरूरी’ के मंत्र पर भी अमल करना जरूरी है.
नदियों को गंदगी से मुक्त करना–
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसे गंगा जी की निर्मलता को लेकर हमें उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं, वैसे ही देश की दूसरी नदियों को भी हमें गंदगी से मुक्त करना है.
प्राथमिकता क्षेत्र ऋण
(Priority Sector Lending)
G.S. Paper-III (Economy)
संदर्भ–
हाल ही में, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा भारत के स्टार्टअप क्षेत्र को ऋण प्राप्त करने हेतु प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र अर्थात प्रॉयरिटी सेक्टर लेंडिंग (Priority Sector Lending– PSL) का दर्जा प्रदान किया गया है।
इस कदम का महत्व–
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्टार्टअप्स के लिए ऋण प्रदान करने के लिए वित्त उपलब्ध कराना एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। स्टार्टअप्स के लिए ऋण प्राप्त करना आसान नहीं है, तथा इनके सामने पारंपरिक ऋणदाताओं के समक्ष ऋण पात्रता साबित करने की मुश्किल रहती है। रिज़र्व बैंक का यह निर्णय, स्टार्टअप्स के लिए सस्ते और आसान ऋण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
चूंकि भारतीय उद्यमियों के सामने, पर्याप्त वित्त तथा उपभोक्ताओं दवारा स्वीकरण, दो प्रमुख चुनौतियां रहती है, आरबीआई का यह कदम इनके लिए बूस्टर साबित होगा।
प्राथमिकता क्षेत्र ऋण क्या होते है?
इसका अर्थ उन क्षेत्रों से है, जिन्हें भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक देश की बुनियादी जरूरतों के विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं तथा इन्हें अन्य क्षेत्रों की तुलना में प्राथमिकता दी जाती है। बैंकों को इन क्षेत्रों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त और समय पर ऋण देने के लिए आज्ञापित किया जाता है।
PSL हेतु अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को आरबीआई के दिशानिर्देश–
- वाणिज्यिक बैंकों द्वारा प्रदान किये गए कुल शुद्ध ऋण का 40% प्राथमिकता क्षेत्र को देना आवश्यक है।
- प्राथमिकता क्षेत्र के अग्रिमों का 10% या कुल शुद्ध बैंक ऋण का 10%, जो भी अधिक हो, कमजोर वर्ग को दिया जाना चाहिए।
- कुल शुद्ध बैंक ऋण का 18% कृषि अग्रिमों के रूप में दिया जाना चाहिए।कृषि के लिए ऋणों के 18 प्रतिशत के लक्ष्य के अंतर्गत लघु और सीमांत किसानों के लिए, समायोजित कुल बैंक ऋण (Adjusted Net Bank Credit- ANBC) का 8 प्रतिशत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- ANBC के5 प्रतिशत अथवा बैलेंस शीट से इतर एक्सपोजर की सममूल्य राशि (Credit Equivalent Amount of Off-Balance Sheet Exposure), इनमें से जो भी अधिक हो, का ऋण सूक्ष्म उद्यमों को लिए दिया जाना चाहिए।
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों में निम्नलिखित श्रेणियां शामिल हैं–
- कृषि
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME)
- निर्यात ऋण
- शिक्षा
- आवास
- सामाजिक अवसंरचना
- अक्षय ऊर्जा
- अन्य
प्राथमिकता क्षेत्र ऋण प्रमाण पत्र (PSLCs)–
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण प्रमाण पत्र (Priority Sector Lending Certificates- PSLC), बैंकों को प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र को उधार देने के लक्ष्य और उप-लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम करने हेतु कमी आने पर इन लिखतों (PSLCs) की खरीद और साथ ही अधिशेष वाले बैंकों को प्रोत्साहन देते हुए अंततोगत्वा प्राथमिकता-प्राप्त क्षेत्र के अंतर्गत श्रेणियों को अधिक उधार देने में सक्षम बनाते है।
प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
के वी कामथ समिति
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अवकाश प्राप्त बैंकर के वी कामथ की अध्यक्षता मेंएक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इसका कार्य COVID-19 के संबंध में तनावग्रस्त ऋणों के समाधान के लिए वित्तीय मानकों की सिफारिश करना है।
- भारतीय बैंक संघ (Indian Banks’ Association– IBA) समिति के लिए सचिवालय के रूप में कार्य करेगा और यह समिति उपयुक्त समझने पर किसी भी व्यक्ति से परामर्श करने या उसे आमंत्रित करने के लिए पूरी तरह से सक्षम होगी।