

डेली करेंट अफेयर्स 2020
विषय: प्रीलिम्स और मेन्स के लिए
रायसीना डायलॉग
समाचार में क्यों?
14-16 जनवरी 2020 के मध्य रायसीना डायलॉग के पाँचवे संस्करण का आयोजन नई दिल्ली में किया जा रहा है।
- विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की ओर से आयोजित होने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में 100 देशों के 700 से ज़्यादा अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं।
प्रमुख बिंदु:
- रायसीना डायलॉग 2020 की थीम- ‘नेविगेटिंग द अल्फा सेंचुरी’ (Navigating the Alpha Century) है।
- वैश्विक रूप से प्रतिष्ठित कूटनीतिक संवाद कार्यक्रम रायसीना डायलॉग के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अफगानिस्तान, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, स्वीडन, डेनमार्क, भूटान और दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्र प्रमुख इस सत्र में विश्व की मौज़ूदा चुनौतियों पर विचार साझा करेंगे।
- इसके अतिरिक्त अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, अमेरिका के उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और जर्मनी सहित कई देशों के राज्यमंत्री भी सम्मेलन में अपने विचारों को रखेंगे।
- इस वर्ष रूस, ईरान, डेनमार्क, हंगरी, मालदीव, दक्षिण अफ्रीका और एस्टोनिया सहित 12 देशों के विदेश मंत्री इसमें हिस्सा लेंगे जो वैश्विक कूटनीतिक पटल पर भारत की बढ़ती साख को प्रदर्शित करता है। इसके अतिरिक्त शंघाई सहयोग संगठन और संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव भी इस सम्मेलन में शामिल होंगे।
- इस सम्मेलन में वैश्वीकरण से जुड़ी चुनौतियों, एजेंडा 2030, आधुनिक विश्व में प्रौद्योगिकी की भूमिका, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद का मुकाबला जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे।
- इस सम्मेलन के दौरान इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है जिसमें ‘क्वाड समूह (Quad Group)’ ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन्य या नौसैन्य प्रमुखों के अतिरिक्त फ्राँस के रक्षा अधिकारी भी सम्मिलित हो रहे हैं।
रायसीना डायलॉग:
- रायसीना डायलॉग का प्रारंभ वर्ष 2016 में किया गया था।
- यह भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु एक वार्षिक सम्मेलन है जिसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (Observer Research Foundation- ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
- यह एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टरल बैठक है जिसमें नीति-निर्माताओं एवं निर्णयकर्त्ताओं, विभिन्न राष्ट्रों के हितधारकों, राजनेताओं, पत्रकारों, उच्चाधिकारियों तथा उद्योग एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है।
- इसके अंतर्गत विभिन्न देशों के विदेश, रक्षा और वित्त मंत्रियों को शामिल किया जाता है।
- ORF की स्थापना वर्ष 1990 में की गई। यह नई दिल्ली में स्थित है जो एक स्वतंत्र थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है।
उद्देश्य:
- रायसीना डायलॉग का मुख्य उद्देश्य एशियाई एकीकरण के साथ-साथ शेष विश्व के साथ एशिया के बेहतर समन्वय हेतु संभावनाओं एवं अवसरों की तलाश करना है।
- रायसीना डायलॉग एक बहुपक्षीय सम्मेलन है जो वैश्विक समुदाय के सामने आने वाले चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रतिबद्ध है।
- व्यापक अंतर्राष्ट्रीय नीतिगत मामलों पर चर्चा करने के लिये नीतिगत, व्यापार, मीडिया और नागरिक समाज से संबंधित वैश्विक नेताओं को प्रति वर्ष रायसीना डायलॉग में आमंत्रित किया जाता है।
नाम रायसीना डायलॉग क्यों पड़ा ?
- भारत के विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना पहाड़ी (साउथ ब्लॉक), नई दिल्ली में स्थित है, इसलिये इसे रायसीना डायलॉग के नाम से जाना जाता है।
रायसीना डायलॉग से भारत को लाभ
- रायसीना डायलॉग सरकार को अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विभिन्न स्थितियों और मुद्दों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने हेतु एक मंच प्रदान करता है।
- रायसीना डायलॉग से सरकार की कूटनीतिक क्षमता में वृद्धि हुई है।
प्रीलिम्स के लिए तथ्य
नियॉन :
- संयुक्त राज्य अमेरिका के लास वेगास में आयोजित वार्षिक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स शो 2020 (Consumer Electronics Show- CES 2020) में नियॉन (NEON) नामक विश्व का पहला कृत्रिम मानव (Artificial Human) पेश किया गया ।
मुख्य बिंदु:
- नियॉन को सैमसंग कंपनी की स्टार लैब के सीईओ प्रणव मिस्त्री (भारतीय वैज्ञानिक) की अध्यक्षता में बनाया गया है।
- नियॉन (NEON) शब्द NEO (नया) + humaN (मानव) से मिलकर बना है।
- अभी इसे उपयोगकर्त्ता द्वारा नियंत्रित करने पर आभासी मानवीय भावनाओं को प्रदर्शित करता है किंतु आगे NEON को पूरी तरह से स्वायत्त रुप से संचालित किया जायेगा जिससे यह भावनाओं को प्रदर्शित करने, कौशल सीखने, स्मृति का निर्माण करने और स्वतः निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध होगा।
- एक आभासी मानव (Virtual Human) कृत्रिम बुद्धि के साथ कंप्यूटर जनित मानव प्रतिरूप तंत्र है। एक आभासी मानव में एक कंप्यूटर जनित मानव जैसी शारीरिक प्रणाली और कंप्यूटर जनित आवाज़ एवं सशक्त इंद्रियाँ होती हैं।
- आभासी मानव का उपयोग शिक्षा, विपणन, ब्रांडिंग, प्रशिक्षण और बिक्री जैसे विभिन्न क्षेत्रों किया जा सकता है।
- नियॉन, कोरR3 (CoreR3) तकनीक पर आधारित है। इसका तात्पर्य विश्वसनीयता (Reliability), रियल टाइम (Real Time) और प्रतिक्रिया (Response) है। इस तकनीक के द्वारा नियॉन पल भर में प्रतिक्रिया देने में समर्थ है।
Bhil Tribe :
- मध्यप्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एक परीक्षा में भील जनजाति (Bhil Tribe) की आपराधिक प्रवृत्ति के बारे में पूछे गए प्रश्नों पर विभागीय जाँच शुरू करने के आदेश दिये।
प्रमुख बिंदु:
- भील का अर्थ ‘धनुषधारी’ है।
- यह जनजाति प्रोटो-आस्ट्रेलायड प्रजाति की है।
- इनका कद छोटा व मध्यम,आँखे लाल, बाल रूखे व जबड़ा कुछ बाहर निकला हुआ होता है।
- भीलों में संयुक्त परिवार प्रथा प्रचलित है। ये सामान्यतः ‘कृषक’ हैं।
- यह जनजाति गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान के साथ-साथ सुदूर पूर्वी भारत के त्रिपुरा में भी पाई जाती है। यह राजस्थान की दूसरी प्रमुख जनजाति है।
- भारत सरकार ने वर्ष 2013 में जनजातीय समुदायों पर प्रो. वर्जिनियस शाशा (Prof. Virginius Xaxa) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था।
- शाशा समिति को जनजातीय समुदायों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य स्थिति की जाँच करने और उनमें सुधार के लिये उपयुक्त हस्तक्षेपकारी उपायों की सिफारिश करने का कार्यभार सौंपा गया था। समिति ने मई 2014 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।