

डेली करेंट अफेयर्स 2020
विषय: प्रीलिम्स और मेन्स के लिए
यमुना नदी प्रदूषण
G.S. Paper-III
संदर्भ:
हाल ही में, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति द्वारा यमुना की सफाई पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को एक ‘मासिक प्रगति रिपोर्ट‘ सौंपी गयी थी।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष:
- दिल्ली में, यमुना में परीक्षण किए गए सभी बिंदुओं परमल कॉलिफॉर्म / Faecal coliform (मानव तथा पशु द्वारा मलमूत्र उत्सर्जन) का स्तर वांछनीय सीमा से अधिक है।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, किसीनदी में स्नान करने हेतु, मल कॉलिफॉर्म का वांछनीय स्तर 500 MPN/100 मिली या उससे कम होना चाहिए।
- इसके अलावा, दिल्ली में चार अपशिष्ट भराव क्षेत्रों के निकट अलग-अलग स्थानों परभू–जलीय नमूनों में विभिन्न प्रदूषकों का स्तर स्वीकार्य सीमा से अधिक है।
- अपशिष्ट भराव क्षेत्रों के निकट अलग-अलग स्थानों पर लिए गए भू-जलीय नमूनों से पता चला है, कि इनस्थानों पर पानी की कठोरता, वांछनीय सीमा 300 मिग्रा./ लीटर, से अधिक है।
- इन सभी चारो नमूनों मेंक्लोरीन और कैल्शियम की मात्रा भी वांछनीय सीमा से अधिक पायी गयी।
- कुछ स्थानों परसल्फेट का स्तर भी वांछनीय सीमा, 200 मिग्रा./ लीटर, से अधिक था।
इंस्टा फैक्ट्स:
- यमुना नदी, गंगा नदी की एक प्रमुख सहायक नदीहै।
- इसकी उत्पत्ति उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले मेंबंदरपूँछ शिखर के पास यमुनोत्री नामक ग्लेशियर से निकलती है।
- यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से प्रवाहित होने के बाद उत्तर प्रदेश केप्रयागराज में गंगा नदी से मिलती है।
- इसकीप्रमुख सहायक नदियाँ चंबल, सिंध, बेतवा और केन हैं।
प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
‘इंडियन पीकॉक सॉफ्ट-शेल कछुआ’
यह भारत, नेपाल और बांग्लादेश में पायी जाने वाली स्थानिक प्राजाति है, और यह मुख्यतः नदी व जोहड़ में पायी जाती है।
ये प्रायः सर्वाहारी (मुख्य रूप से मांसाहारी) और निशाचर होते हैं।
संरक्षण स्थिति:
- IUCN की रेड लिस्ट: सुभेद्य (Vulnerable)
- प्रजाति को CITES के परिशिष्ट I के तहत सूचीबद्ध
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम: अनुसूची I के तहत संरक्षित