

डेली करेंट अफेयर्स 2020
विषय: प्रीलिम्स और मेन्स के लिए
भारत द्वारा वाहन-उत्सर्जन में कटौती हेतु के लिए E20 ईंधन पर विचार
G.S. Paper-III
चर्चा में क्यों?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा एक मसौदा अधिसूचना प्रकाशित की गयी है जिसमें E20 ईंधन को ऑटोमोबाइल ईंधन के रूप में अपनाने के विषय में सार्वजनिक सुझाव आमंत्रित किये गए हैं।
E20 ईंधन में गैसोलीन और 20 प्रतिशत इथेनॉल का सम्मिश्रण होता है।
वर्तमान स्थिति:
वतर्मान में, ऑटोमोबाइल ईंधन में 10 प्रतिशत इथेनॉल का सम्मिश्रण करने की अनुमति है। हालांकि, भारत में वर्ष 2019 तक मात्र 5.6 प्रतिशत तक इथेनॉल का सम्मिश्रण किया गया।
E20 ईंधन तथा इथेनॉल सम्मिश्रण के लाभ-
- वाहन-उत्सर्जन को कम करना।
- कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन आदि का उत्सर्जन कम करना।
- तेल आयात व्यय को कम करना, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी और ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि होगी।
चुनौतियां:
मिलाए जाने वाले इथेनॉल की प्रतिशत मात्रा सहित वाहनों की अनुकूलता को वाहन निर्माताओं द्वारा परिभाषित करना होगा।
‘इथेनॉल’ क्या होता है?
इथेनॉल एक जैव ईधन है और मकई, गन्ना, जूट, आलू जैसे कृषि उत्पादों के जैवभार से निर्मित उप-उत्पाद (by-product) होता है।
सरकार द्वारा इस सबंध में किये जा रहे प्रयास-
- ‘राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति’ (National Biofuel Coordination Committee- NBCC) द्वारा भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास उपलब्ध अधिशेष चावल को अल्कोहल-युक्त हैंड-सैनिटाइज़र के निर्माण में उपयोग करने और पेट्रोल में मिलाने हेतु इथेनॉल में परिवर्तित करने की अनुमति दी गई है।
- भारत सरकार द्वारा जीवाश्म ईंधन दहन के कारण होने वाली पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने, किसानों को अतिरिक्त पारिश्रमिक प्रदान करने, कच्चे तेल के आयात को सब्सिडी देने और विदेशी मुद्रा की बचत करने के लिए पेट्रोल में इथेनॉल के सम्मिश्रण हेतु वर्ष 2003 में इथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम शुरू किया गया था।
- राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति, 2018के तहत ‘राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति’ (NBCC) के अनुमोदन के पश्चात अधिशेष खाद्यान्नों को इथेनॉल में परिवर्तित करने की अनुमति दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
भारत-इंडोनेशिया कॉरपैट
- हाल ही में, भारत-इंडोनेशिया समन्वित गश्त (IND-INDO CORPAT) के 35 वें संस्करण का आयोजन किया गया।
- इंड-इंडो कॉरपैट का आयोजन प्रतिवर्ष भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाओं के बीच किया जाता है।
- इसका उद्देश्य क्षेत्र में शिपिंग और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।