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डेली करेंट अफेयर्स 2020
विषय: प्रीलिम्स और मेन्स के लिएG.S. Paper-II
हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सौरव यादव बनाम उत्तर प्रदेश मामले में ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज आरक्षण लागू किए जाने हेतु वैधानिक स्थिति को स्पष्ट किया गया है।
उपरोक्त मामला, राज्य में कांस्टेबलों के पदों को भरने हेतु चयन प्रक्रिया में विभिन्न वर्गों को दिए जाने वाले आरक्षण के तरीके से उत्पन्न विवाद से संबंधित था।
क्षैतिज आरक्षण को प्रत्येक ऊर्ध्वाधर श्रेणी में अलग से लागू किया जाता है।
उदाहरणार्थ, यदि महिलाओं को 50% क्षैतिज आरक्षण प्राप्त होता है, तो प्रत्येक ऊर्ध्वाधर आरक्षण श्रेणी के चयनित उम्मीदवारों में आधी संख्या महिलाओं की होगी, अर्थात, अनुसूचित जाति के सभी चयनित उम्मीदवारों में आधी संख्या महिलाओं की होगी, इसी प्रकार अनारक्षित या सामान्य श्रेणी में भी सभी चयनित उम्मीदवारों में आधी संख्या महिलाओं की होगी। यही प्रक्रिया सभी प्रकार की आरक्षण श्रेणियों में लागू होगी।
उत्तरप्रदेश की एक प्रतियोगी परीक्षा में सोनम तोमर और रीता रानी ने क्रमशः 276.5949 और 233.1908 अंक हासिल किए थे। उन्होंने क्रमशः ओबीसी-महिला और एससी-महिला की श्रेणियों के तहत आवेदन किया था।
इस मामले में शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि यदि ऊर्ध्वाधर–क्षैतिज आरक्षित श्रेणी से संबंधित व्यक्ति द्वारा, बगैर ऊर्ध्वाधर आरक्षण के, अर्हता प्राप्त करने योग्य पर्याप्त अंक हासिल किये गए हैं, तो उस व्यक्ति को बिना ऊर्ध्वाधर आरक्षण के अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार के रूप में माना जाएगा और उसे सामान्य श्रेणी में क्षैतिज आरक्षण से बाहर नहीं किया जाएगा।
हाल ही में, जिला प्रशासन ने संकुचित होती दीपोर बील आर्द्र भूमि के अति दोहन को अवरुद्ध करने के लिए दीपोर बील में सामुदायिक मत्स्यन को प्रतिबंधित कर दिया है.