

डेली करेंट अफेयर्स 2020
विषय: प्रीलिम्स और मेन्स के लिए
कोच्चि–मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन
G.S. Paper-III
संदर्भ:
हाल ही में, प्रधानमंत्री द्वारा कोच्चि–मंगलुरू प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया गया।
- कुल 450 किलोमीटर लंबी इस पाइपलाइन का निर्माण GAIL (इंडिया) लिमिटेड द्वारा किया गया है।
- इसके द्वारा 21 लाख नए पाइप्ड प्राकृतिक गैस (PNG) कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे।
प्रमुख बातें:
- भारत को प्राकृतिक गैस-आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के प्रयासों के तहत, 10,000 नए सीएनजी (compressed natural gas- CNG) स्टेशन खोले जाएंगे और आने वाले दिनों में कई लाख परिवारों को पाइप्ड प्राकृतिक गैस(piped natural gas– PNG) कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे।
- सरकार द्वारा गैस-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए सस्ती, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल ठोस योजना तैयार की गयी है।
- सरकार द्वारा कोयला और गैस क्षेत्रों में पर्याप्त निवेश किया जाएगा। इसके साथ ही वर्ष 2030 तक ऊर्जा क्षेत्र में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 6% से बढ़ाकर 15% करने की योजना है।
‘एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड’ अवधारणा
‘एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड’ के तहत भारत के मुख्य भू-भाग में, पावर स्टेशनों और प्रमुख सबस्टेशनों को जोड़ने वाला एक हाई-वोल्टेज इलेक्ट्रिक पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क स्थापित किया जाएगा तथा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि, देश में कहीं भी उत्पादित विद्युत् का अन्यत्र स्थानों पर मांग को पूरा करने के लिए उपयोग किया किया जा सकता है।
राष्ट्रीय ग्रिड का विकास:
- भारत में क्षेत्रीय आधार पर ग्रिड प्रबंधन का कार्य साठ के दशक में आरंभ हुआ था।
- शुरुआत में, क्षेत्रीय ग्रिड बनाने के लिए राज्य ग्रिड परस्पर जुड़े हुए थे और भारत को 5 क्षेत्रों, उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी, उत्तर पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र में बांटा गया था।
- अक्टूबर 1991 में उत्तर पूर्वी और पूर्वी ग्रिड को जोड़ा गया।
- मार्च 2003 में पश्चिमी क्षेत्र और पूर्वी- उत्तर पूर्वी क्षेत्र को परस्पर जोड़ा गया।
- अगस्त 2006 में उत्तर और पूर्वी ग्रिड को आपस में जोड़ा गया, और इस प्रकारचार क्षेत्रीय ग्रिड उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी और उत्तर पूर्वी ग्रिड को समसमायिक रूप से जोड़कर एक आवृति पर कार्य करने के लिए केंद्रीय ग्रिड का निर्माण किया गया।
- 31 दिसंबर 2013 को, 765 किलोवाट क्षमता की रायचूर-सोलापुर ट्रांसमिशन लाइन की शुरुआत के साथ दक्षिणी क्षेत्र को समकालिक प्रणाली (Synchronous mode) में सेंट्रल ग्रिड से जोड़ा गया। इस प्रकार, ‘एक राष्ट्र’- ‘एक ग्रिड’- एक फ्रीक्वेंसी’ को हासिल किया गया।
एक राष्ट्रीय ग्रिड के लाभ:
- कम बिजली कटौती तथा बेहतर उपलब्धता
- अधिक विद्युत् स्थिरता
- बेहतर संकालन (सिंक्रनाइज़ेशन)
प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
सागरमाला सीप्लेन सेवा
इस सेवा को ‘पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय’ द्वारा शुरू किया जा रहा है।
- सागरमाला सीप्लेन सेवा को कुछ चुनिंदा मार्गों पर विशेष उद्देश्य वाले वाहन (Special Purpose Vehicle – SPV) संरचना के तहत संभावित एअर लाइन परिचालकों के जरिए सीप्लेन सेवा शुरू किया जाएगा।
- इस परियोजना को, मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण वाली सागरमाला विकास कंपनी लिमिटेड (SDCL) के माध्यम से लागू किया जाएगा। यह कंपनी मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है।