

डेली करेंट अफेयर्स 2020
विषय: प्रीलिम्स और मेन्स के लिए
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (IOSCO)
G.S. Paper-II
संदर्भ:
हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (International Financial Services Centres Authority – IFSCA) अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (International Organization of Securities Commissions- IOSCO) का सहयोगी सदस्य बन गया है।
भारत में ‘अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र’-
- देश में पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (International Financial Services Centre- IFSC) गांधीनगर में स्थित गुजरात अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय टेक-सिटी (Gujarat International Finance Tec-City: GIFT) में स्थापित किया गया है।
- सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्रों (IFSCs) को विनियमित करने हेतु 27 अप्रैल 2020 को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) स्थापना की गयी है। इसका मुख्यालय गांधीनगर, गुजरात में स्थित है।
- दिसंबर 2019 में संसद द्वारा देश में स्थित सभी IFSCs पर की जाने वाली वित्तीय गतिविधियों को विनियमित करने हेतु एक एकीकृत प्राधिकरण स्थापित करने के लिए विधेयक पारित किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (IOSCO) के बारे में:
- IOSCO, विश्व के प्रतिभूति नियामकों (Securities Regulators) को एक मंच पर लाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय संगठनहै, और इसे प्रतिभूति क्षेत्र के लिए एक वैश्विक मानक निर्धारणकर्ता के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन, प्रतिभूति विनियमन हेतु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों के अनुपालन, विकास, कार्यान्वयन और बढ़ावा देता है।
- यहजी-20 और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (Financial Stability Board– FSB) के साथ प्रतिभूति बाजारों को मजबूत बनाने के लिए मानकों का निर्धारण करने में मिलकर काम करता है।
IOSCO के सदस्य:
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (IOSCO) की स्थापना वर्ष 1983 में की गयी थी। इसके सदस्यों में 115 से अधिक अधिकार क्षेत्र सम्मिलित हैं और यह विश्व की 95% से अधिक प्रतिभूति बाजारों को विनियमित करता है। उभरते हुए बाजार में 75% प्रतिभूति नियामक IOSCO के सामान्य सदस्य है।
प्री के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
मन्नथु पद्मनाभन
चर्चा का कारण: श्री मन्नथु पद्मनाभन जयंती।
- मन्नथु पद्मनाभन, केरल में जन्मे एक प्रसिद्ध भारतीय समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे।
- वह 2 जनवरी, 1878 से – 25 फरवरी, 1970 तक जीवित रहे।
- उन्होंने अस्पृश्यता विरोधी आंदोलनों में भाग लिया और मंदिरों में सभी जातियों के प्रवेश की वकालत की।
- इन्होंने वायोकॉम सत्याग्रह में भी भाग लिया।
- इन्हें नायर सर्विस सोसायटी (NSS) की स्थापना के लिए भी जाना जाता है।